
बूची के निर्धन बुजुर्ग आदिवासी दंपति का बने सहारा
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मां कंकाली सेवा समिति के सदस्यों व पूर्व छात्रों ने राशन और नगद राशि से की मदद
शहडोल. समीपी विचारपुर के ग्राम बूची की निर्धन बुजुर्ग आदिवासी दंपत्ति को मां कंकाली सेवा समिति के सदस्यों एवं सरस्वती स्कूल के पूर्व छात्रों ने रविवार को राशन व नगद राशि देकर उनके जीवन निर्वहन का सहारा बने। बताया गया है कि ग्राम बूची निवासी बुजुर्ग आदिवासी महिला उजरिया बैगा भिक्षाटन कर अपना व अपने पति चन्नू बैगा का भरण-पोषक करती है। यह पता चलने पर मां कंकाली सेवा समिति के सदस्यों व पूर्व छात्रों ने दैनिक जीवन संबंधी सामग्री एकत्र कर ग्राम बूची पहुंचे और दंपत्ति को सामग्री प्रदान की। उन्होने कहा कि वह आगे भी बेसहारा की इसी तरह मदद करते रहेंगे। बताया गया है कि ग्राम बूची की मॉडल गांव बनाने के लिए गांव का पिछले दिनों सर्वेक्षण कराकर बैगा विकास प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंपी गई थी, मगर आज भी गांव की आदिवासी महिलाओं को सहायता नहीं मिली है। दंपत्ति को सामग्री प्रदान करते समय बाबा बच्चालाल गुप्ता, वीरेश गुप्ता, संतोष लाहोरानी, विकास चपरा, व्यास नारायण पाठक, मुकेश नामदेव, संदीप वर्मा, प्रवीण नामदेव और संजय पासवान उपस्थित रहे।
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