
कुछ पार्कों में जनता के लिए ताला तो कुछ सिर्फ औपचारिकता के पार्क
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शहर एक मात्र चर्चित छत्रसाल पार्क को भी व्यवस्थित नहीं रख पा रही नगर पालिका
शहर के पार्कों की देखरेख व साफ-सफाई के लिए लगे कर्मचारियों में से अधिकांश नेताओं के घर कर रहे चाकरी
पन्ना. शहर और यहां के लोगों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए कहने को तो शहर में आधा दर्जन से अधिक पार्क हैं लेकिन कई पार्कों में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित है। बलदेव पार्क आम जनता के लिए सिर्फ इच्छा नवमी के दिन खुलता है तो बेनी सागर के ऊपर बने सुदर्शन पार्क में हमेशा के लिए ताला बंद रहता है। कुमकुम टॉकीज के पास बना पार्क और सतना नाका पुराना आरटीओ ऑफिस के बगल वाला पार्क, सिर्फ पार्क के नाम पर सिर्फ औपचाकिरता है। शहर के सबसे बड़ छत्रसाल पार्क मेें बच्चों को खेलने के लिए समुचित व्यवस्थाएं नहीं हैं। यहां सुबह लोगों के घुमने के लिए बने बड़े घेरे के पटिया उखड़े होने से आए दिन लोग गिरकर घायल हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शहरवासियों को सैर करने के लिए कई पार्क मौजूद हैं । जिनमे सबसे बड़ा व शहर के बीचोंबीच छत्रसाल पार्क है । इसके साथ ही साथ शहर में आधा दर्जन और पार्क हंै । चंद्रशेखर पार्क, बलदेव पार्क,जयस्तंभ पार्क, सुदर्शन पार्क प्रमुख हैं । इन सभी पार्को की देख रेख सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका के हाथों में है । लेकिन नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही पूर्ण रवैये से यह सभी पार्क बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं । शहर के सबसे बड़े छत्रसाल पार्क की स्तिथि के बारे में जिला प्रशासन व नगरीय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।
छत्रसाल पार्क में गिरकर घायल हो रहे लोग
शहर के सबसे बड़े छत्रसाल पार्क में सुबह बड़ी संख्या में लोग छोट और बड़े घेरों के चक्कर लगाते हैं। छोटा घेरा छत्रसाल की स्टेच्यू के पास होने से यहां पूरे में पेवर ब्लॉक लेगे हुए हैं, जबकि बड़े घेर में छत्रसाल कॉलेज की दीवार से लगे क्षेत्र में फर्शी पत्थर लगे हुए हैं। इन पत्थरों के उखड़ जाने व टेढ़े हो जाने से सुबह लोग इनमें फंसकर गिर रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस जिला महामंत्री भी फर्शी पत्थर में फंस जाने से गिरते गिरते बचे थे।
शाम को मयखान में तब्दील होते छोटे पार्क
शहर में छत्रसाल पार्क के अलावा छोटे पार्क भी मौजूद हैं , जो अव्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहे हैं । इन छोटे पार्कों की समुचित देखरेख नहीं की जा रही है जिसकी वजह से पार्को में लगे पेड़ पौधे के झाड़ बढ़ गए हैं । समय पर घास की छटाई कटाई नही होने पार्को की सुंदरता समाप्त होती जा रही है । लोगों ने बताया कि बेनी सागर के समीप सुदर्शन पार्क शाम होते ही मयखाना बन जाता है । यहां शराबी शराब पीते हैं और नगर पालिका के कोई कर्मचारी महीनों देखने नही आते इसकी वजह पार्क की जालियों को असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया। सुदर्शन पार्क में लगी लाईंटे महीनों खराब हंै । जिसकी रिपेरिंग की तरफ नगर पालिका प्रशासन बिल्कुल ध्यान नही दे रहा है ।
सालों से नहीं चली बच्चों की ट्रेन
शहर के बीचोबीच स्तिथ सबसे बड़े छत्रसाल पार्क में बच्चों के घूमने के लिए लाखों रुपए की लागत से बनाई गई और उसके बाद लाखों रुपए लागाकर रिपेयर कराई गई ट्रेन अब सालों से बंद पड़ी है। इस ओर पार्क के जिम्मेदार लोगों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे ट्रेन कबाड़ में तब्दील हो गई है।
चंद्रशेखर पार्क की घास की कटाई भी इसी हफ्ते कराई गई है। बारिस के समय के बाद सभी पार्को साफ-सफाई करवाने का काम लगातार करवाया जा रहा है । छात्रसाल पार्क में ओपिन जिम लगवाने के लिए फाइल तैयार कर दी गई है ।
प्रकाश खरे, पार्क प्रभारी
मेरे द्वारा आज छत्रसाल पार्क का निरीक्षण किया गया है और पार्क प्रभारी को निर्देशित कर दिया है । एक दो दिन में पार्क की सम्पूर्ण साफ-सफाई हो जाएगी । शहर के सभी पार्को की अव्यवस्थाओं में सुधार करवाने का काम चल रहा है ।
मोहनलाल कुशवाहा, नगर पालिका अध्यक्ष