
60 करोड़ रुपए का बिजली बिल देखकर चौंक गए मंत्री धारीवाल, अब मचा है जयपुर से लेकर कोटा तक हड़कंप....
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KEDL : केईडीएल ने रोड लाइटों का बिल भेजा तो सरकार ने रोका भुगतान रोका, जांच के दिए आदेश
कोटा. कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) ने नगर निगम, नगर विकास न्यास और आवासन मण्डल के क्षेत्र में लगी रोड लाइटों का 60 करोड़ का बिल भेज दिया है। यह मामला नगरीय विकास एवं स्वायत्त शसन मंत्री शांति धरीवाल के समक्ष पहुंचा तो वे भी बिल के बिलों को देखकर चौंक गए और उन्होंने डीएलबी के मुख्य अभियंता (विद्युत) को शिकायत पत्र भेजकर जांच करवाने को कहा है। इसके बाद जयपुर से कोटा तक के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है।
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डीएलबी की निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्ज्वल राठौड़ ने निगम आयुक्त, न्यास सचिव तथा आवासन मण्डल कोटा के उप आयुक्त को पत्र भेजकर केईडीएल द्वारा करोड़ों रुपए का अनाधिकृत एवं अधिक बिल भेजने की संयुक्त रूप से जांच करवाने को कहा है। जब तक जांच नहीं हो जाती है केईडीएल का 60 करोड़ का भुगतान तत्काल रोकने को कहा है। धारीवाल के शिकायत पत्र डीएलबी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विद्युत) ने तीनों विभागों के अधिकारियों के साथ जांच की गई इसमें पाया कि केईडीएल ने वर्ष 2016-17 से कोटा में कार्यरत है। इस कम्पनी के आने के बाद निगम का कोटा का वर्ष 2016-17 से सितम्बर 2019 तक करीब 60 करोड़ राशि के रोड लाइट के बिल दिए गए हैं। यह बिल निगम, न्यास और आवासन मण्डल के अधीनस्थ रोड लाइटों के हैं।
निगम के अधीनस्थ बिलों की जांच निगम और केईडीएल के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की जाए, वास्तविक भुगतान योग्य राशि का आकलन करें, तब तक केईडीएल को रोड लाइटों के बिल का भुगतान नहीं करें। न्यास और आवासन मण्डल के क्षेत्र की रोड लाइटों की इस तरह जांच की जाए। जांच कर कम्पनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने को कहा है। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने कोटा के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच की तो पाया कि रोड लाइटों के बिल की राशि वास्तविकता से अधिक है। इस रिपोर्ट के आधार पर डीएलबी निदेशक ने तीनों विभागों को संयुक्त रूप से जांच करवाने को कहा है। साथ ही गड़बड़ी मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
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