
हाईकोर्ट ने 29 साल से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियमित वेतन देने के दिए आदेश
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राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan highcourt) ने राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल में 29 साल से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (Fourth class employee) को नियमित (regularise) करने और नियमित वेतन देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश प्रार्थी विपिन कुमार त्रिवेदी की याचिका को मंजूर करते हुए यह आदेश दिए हैं।
जयपुर
एडवोकेट एम.एफ.बेग ने बताया कि याचिकाकर्ता 1990 में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर नियुक्त हुआ था लेकिन,1992 में उसे बिना कोई नोटिस दिए अवैध रुप से सेवा से हटा दिया गया। इसके खिलाफ उसने लेबर कोर्ट मंे मुकदमा किया था। लेबर कोर्ट ने 2005 में याचिकाकर्ता के पक्ष में अवार्ड पारित कर दिया और उसे सेवा में निरंतर बनाए रखने व समस्त वेतन परिलाभ देने के आदेश दिए। पाठ्य पुस्तक मंडल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन,हाईकोर्ट ने भी 2008 में अवार्ड बहाल रखा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंडल ने याचिकाकर्ता को सेवा में तो रख लिया लेकिन वेतन दैनिक वेतन भोगी के तौर पर ही देते रहे। जबकि इस दौरान उससे जूनियर सात कर्मचारियों को नियमित करके नियमित वेतन श्रंखला दे दी। इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने मंडल की कार्यप्रणाली को भेदभावपूर्ण मानते हुए याचिकाकर्ता को उसी दिन से नियमित करने और नियमित वेतन-परिलाभ देने के आदेश दिए हैं जिस दिन से उससे जूनियर को नियमित किया गया था।
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