
हसन खां पर ताला, भर्तृहरि पर पर्दा डालकर आयोजित होगा मत्स्य उत्सव
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अलवर. अलवर में 23 से 26 नवंबर तक आयोजित किया जाने वाला मत्स्य उत्सव केवल कागजों में ही सिमटा हुआ है। अलवर के बहरोड रोड पर बनाए गए हसन खां मेवाती के पेनोरमा पर उदघाटन के बाद से ही ताला लटका हुआ है। वीर योद्धा हसन खां मेवाती की स्मृति में इस पेनोरमा को बने हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया है। पेनोरमा को देखकर लगता है कि विभाग इनकी सुध लेना ही भूल गया है।
बहरोड रोड पर ही हसन खां मेवाती के पेनोरमा के पास में ही भर्तृहरि का पेनोरमा बनाया गया है। लेकिन आज तक किसी ने इसका उदघाटन करने की जरुरत ही नहीं समझी। इसलिए यह बंद है। बाबा भर्तृहरि से जुडे पर्यटक व श्रद्धालु इसे देखने आते भी है तो वापस लौट जाते हैं।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से वीर योद्धा हसन खां मेवाती के पेनोरमा का निर्माण करवाया गया। इसको बनवाने में करीब डेढ करोड की लागत आई थी। 27 सितंबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसका उदघाटन भी कर दिया । लेकिन आज तक इसे पर्यटकों के लिए नहीं खोला गया।
भर्तृहरि पेनोरमा व हसन खां मेवाती पेनोरमा खोलने को लेकर शहरवासी संपर्क पोर्टल पर शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन उनको गुमराह किया जा रहा है।
हसन खां मेवाती की प्रतिमा की साफ सफाई ना होने के कारण यह पूरी तरह से धूल-धूसरित हो गई है। पेनोरमा के आसपास इतनी गंदगी है कि लोग यहां आने से भी कतराते हैं। इसके चारों तरफ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।
मुझे पेनोरमा के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन अभी तक देखने का मौका नहीं मिला है। यह अलवर की अमूल्य धरोहर है। इसको शुरू करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की है। मुझसे भी विभाग ने इसके बारे में जानकारी मांगी थी, तभी पता चला कि यह पेनोरमा बंद है। यह जल्द शुरू हो, इसके लिए प्रशासन से बात की जाएगी।
ज्योति खंडेंलवाल, कार्यवाहक सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग, अलवर